पति-पत्नी कार से किसी शादी मे जा रहे थे. रास्ते मे कार पंक्चर हो गयी. बेचारा पति उतरा और स्टेपनी बदलने के काम पर लग गया.
पत्नी भी उतरी और भुनुर भुनुर करने लगी. सुनिये उसका भुनुर भुनुर-
देख कर तो चला ही नही सकते हो
नुकीले पत्थर पर ही गाड़ी चढा दी
पंक्चर तो हुआ ही डेंट भी लगा दिया
पता नही कैसे ड्राईवर हो
बीवी को बिठाकर भी रफ चलाते हो
जरूर नजर इधर उधर होगी
पता नही किसने तुमको लाईसेंस दिया
एक काम ठीक से कर नही सकते
पता नहीं स्टेपनी ठीक है भी कि नहीं
अब शादी मे भी देर से पहुँचेंगे
सोंचा था मेरी नयी साड़ी से सब जलेगी
अब तो वरमाला के बाद ही पहुँचेंगे
तुमसे तो मेरी कोई खुशी देखी नही जाती
अरे बड़े अजीब आदमी हो
कुछ कहोगे भी कि गूँगे ही बने रहोगे
मेरी तो किस्मत ही फूटी थी कि तुम मिले
बोलते बोलते बेचारी कलपने भी लगी
इतने मे एक बाईकसवार आकर रूका और पूछा-भाई साहब कुछ मदद करूँ?
पति- भाई साहब अगर आप मेरी पत्नी से थोड़ी देर बातें कर लो तो मैं ये स्टेपनी लगा लूँ.
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